पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लंबे समय से खस्ताहाल है। एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) कार्यक्रम जनवरी के अंत या इस साल फरवरी की शुरुआत में पुनर्जीवित नहीं होता है, तो चालू वित्त वर्ष के अंत तक पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से संकट में घिर जाएगी।
पॉलिसी रिसर्च ग्रुप के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में पाकिस्तान को विदेशी कर्ज के कारण 8.638 बिलियन अमरीकी डॉलर की भारी राशि का भुगतान करना होगा। पिछले चार साल में विदेशी कर्ज की अदायगी में 399 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2017-18 में यह 286.6 अरब रुपये था और अब इसके 1,427.5 अरब रुपये होने का अनुमान है।