लंबे समय तक इस्लाम के कट्टरपंथी वहाबी धड़े से जुड़ा रहा सऊदी अरब अब अपनी छवि बदलने की कोशिश कर रहा है. इससे यहां इस्लाम के मुताबिक नैतिक आचरण सुनिश्चित करने वाली मुतवा पुलिस पर क्या असर पड़ा है?सऊदी अरब की धार्मिक पुलिस, मुतवा. एक वक्त था, जब रूढ़िवादी सऊदी अरब में ‘नैतिकता के पहरेदार’ इस संगठन का खौफ हुआ करता था. इसके सिपाही नमाज पढ़ने के लिए दुकानें बंद कराया करते थे. सार्वजनिक जगहों पर आदमी-औरत के साथ दिखने पर उन्हें खदेड़ा करते थे. लेकिन, डंडे के जोर पर नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले इस संगठन का असर पिछले कुछ बरसों में कम हुआ है. हालिया वर्षों में सऊदी अरब में सामाजिक पाबंदियों में कुछ ढील दी गई हैं|
खासकर महिलाओं को कुछ अधिकार मिले हैं, जो मुतवा पुलिस को बिल्कुल रास नहीं आ रहे हैं. अपना बदला हुआ नाम फैसल बताने वाले समाचार एजेंसी एएफपी से कहते हैं, “मुझे यह अधिकार नहीं है कि मैं किसी चीज पर पाबंदी लगाऊं, इसलिए मैं यह संगठन छोड़ रहा हूं” मुतवा को क्या जिम्मेदारी दी गई थी? सऊदी अरब में मुसलमानों के दो सबसे पवित्र स्थल हैं. यह लंबे वक्त तक इस्लाम के कट्टरपंथी वहाबी धड़े से जुड़ा रहा है. यहां की मुतवा पुलिस को आधिकारिक रूप से ‘अच्छाई को बढ़ावा देने और बुराई को रोकने वाला कमीशन’ नाम दिया गया था. इसका मकसद इस्लाम के नैतिक कानून को लागू कराना रहा है.