मातृ शक्ति हैं सामाजिक व विकास की रीढ़….

ऋषिकेश। कथावाचक वैष्णवाचार्य पण्डित शिव स्वरूप नौटियाल ने कहा कि जिस घर कन्या,वह घर धन्य है।
ग्राम सभा खड़क माफ के दिल्ली फार्म में शिव शक्तिकीर्तन मण्डली के सानिध्य में लोक कल्याण के लिए आयोजित नौ दिवसीय कथा के चौथे दिन की कथा में व्यासपीठ वैष्णवाचार्य पण्डित शिव स्वरूप नौटियाल ने कहा कि मातृ शक्ति सामाजिक विकास की रीढ़ हैं। आज हमारा परम सौभाग्य है कि ग्राम प्रधान से लेकर महामहिम राष्ट्रपति तक मातृ शक्ति देश और समाज को दिशा और दशा बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।बेटियों को बेटों से कभी कम न समझें।उन्हें आगे बढ़ने के समान अवसर प्रदान करें। जिस घर में कन्या का जन्म होता है वह घर धन्य हो जाता है।व्यासपीठ ने कहा कि भव्य कथा आयोजन की सूत्रधार कीर्तन मण्डलियां महिला सशक्तिकरण का सुंदर उदाहरण हैं।शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रान्त पर्यावरण प्रमुख कथा संचालक पर्यावरण विद विनोद जुगलान ने कहा कि माँ बच्चे की प्रथम पाठशाला है।संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के लिए बच्चों में संस्कार पोषित कर संस्कृति और प्रकृति को संरक्षण करने का कार्य घर से शुरुआत करेंगे तो निश्चित ही स्वच्छ और सुदृढ समाज बनेगा।कथा में प्रधान संगठन के अध्यक्ष विजयपाल सिंह जेठूड़ी,शूरवीर सिंह जेठूड़ी,धर्म पाल सिंह,गजे सिंह चौहान,राजेन्द्र सिंह भण्डारी,रघुवीर सिंह चौहान मिन्टू, रेखा भण्डारी,सुशीला तिवाड़ी, सीता खण्डूड़ी, पूर्णा देवी,पूनम देवी,रेणु,रेखा भण्डारी,संतोषी बलूनी,बसंती देवी,रेखा पँवार,सुनीता चौहान सहित सैकड़ों की संख्या में श्रोताओं ने कथा का रसपान किया।

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